प्रख्यात न्यायविद् फली एस. नरीमन का 95 वर्ष की आयु में निधन|
भारतीय कानून की एक महान हस्ती फली सैम नरीमन का 21 फरवरी 2024 को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह अपने पीछे अद्वितीय कानूनी विद्वता, न्याय के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और भारतीय कानूनी प्रणाली पर गहरा प्रभाव की विरासत छोड़ गए हैं।
10 जनवरी, 1929 को जन्मे नरीमन का कानूनी करियर पांच दशकों से अधिक समय तक फैला रहा। उन्हें 1971 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक वरिष्ठ वकील नामित किया गया था और उन्होंने कई ऐतिहासिक मामलों में बहस की, जिन्होंने देश के कानूनी परिदृश्य को आकार दिया। उनकी विशेषज्ञता राष्ट्रीय सीमाओं से परे तक फैली, जिसने उन्हें एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता विशेषज्ञ के रूप में स्थापित किया।
______
नरीमन की तीव्र कानूनी समझ, संविधान की गहरी समझ और प्रेरक तर्कों ने उन्हें कानूनी बिरादरी और उससे परे बहुत सम्मान दिलाया। वह भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक, पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता थे। कानून के शासन को कायम रखने के प्रति उनका समर्पण और एक स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए उनकी अटूट वकालत वकीलों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
फली एस नरीमन की अनुपस्थिति गहराई से महसूस की जाएगी, लेकिन भारतीय कानून में उनका योगदान देश के कानूनी इतिहास के इतिहास में हमेशा अंकित रहेगा।
______
फली एस. नरीमन कौन थे?
फली एस. नरीमन एक प्रमुख भारतीय न्यायविद् और वरिष्ठ वकील हैं जिन्होंने भारतीय संवैधानिक कानून में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया और इंटरनेशनल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। नरीमन को कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। उन्हें संवैधानिक कानून की गहरी समझ के लिए जाना जाता है और वह भारत में कई ऐतिहासिक मामलों में शामिल रहे हैं।
Renowned lawyer and distinguished jurist Fali S. Nariman, Senior Advocate, passed away at the age of 95. His demise has been met with heartfelt tributes from numerous members of the legal fraternity, who are sharing fond memories of his remarkable life and contributions.
— Live Law (@LiveLawIndia) February 21, 2024
Read… pic.twitter.com/UTriPlqaGM